mera chaand ........
मेरे बेबस हाथों से दूर ,
तुम काली रात के चाँद ,
कितना आत्मीय अपनापन ,
दूधिया फुहारों से तृप्त ,
करते अपना सर्वस्व अर्पित ,
बस एक वचन शेष ,
रहोगे सदा योँहि शीतल ,
सुख मे और दुःख मे ,
रहोगे ठंडक सी आँखों में ,
और चाँदनी,चंदन लेप सा ह्रदय में ,
हर विषाद, दुःख, और निराशा में ,
संजीवनी सी जीवन से पूर्ण ,
समां जाये तुम्हारी चाँदनी ,
मेरे मन में ,
जैसे समां जाते हो तुम ,
काली रात के आगोश में ,
बादलों के उस पार ,
कुछ पलों को ही सही ,
पर है मुझे विश्वास ,
तुम लुकते छिपते ही सही ,
दोगे मेरा साथ ,
जीवन के अंत तक ............
सृष्टि के अंत तक ............ !!
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